SCO (Shanghai Cooperation Organization) की स्थापना साल 1996 में 'शंघाई फाइव' के नाम से की गई थी, क्योंकि इसकी स्थापना पांच देशो के साथ चीन के शहर शंघाई में की गई थी,इसलिये इसे शुरुआत में शंघाई फाइव रखा गया था । शुरुआत में इस संगठन के पांच सदस्य देश थे- रूस, चीन, क़ज़ाकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और तज़ाकिस्तान ।
साल 2001 में उज्बेकिस्तान के संगठन में आने के बाद,उसी साल शंघाई में हुए शिखर सम्मेलन में इसका नाम बदलकर "शंघाई सहयोग संगठन " कर दिया गया ।
इस प्रकार शंघाई सहयोग संगठन की स्थापना 15 जून 2001 को हुई थी।
इस संगठन की अधिकारिक भाषाएँ रूसी और चीनी है।
SCO में भारत कब शामिल हुआ था?
भारत और पाकिस्तान को SCO का सदस्य बनाने का फैसला जुलाई 2015 में रूस के शहर ऊफा में संगठन के 15वे शिखर सम्मेलन में ही कर लिया गया था और कुछ अलग - अलग औपचारिकताओ के बाद 9 जून 2017 में भारत और पाकिस्तान को शंघाई सहयोग संगठन की स्थाई सदस्यता दी गई।
SCO के कितने स्थाई सदस्य हैं?
शुरुआत में SCO के पांच स्थाई सदस्य थे ,उसके बाद उज्बेकिस्तान इसका सदस्य बना फिर भारत और पाकिस्तान भी इस संगठन के स्थाई सदस्य बने ।इस प्रकार संघाई सहयोग संगठन की स्थाई सदस्यता बढ़कर 8( रूस, चीन, क़ज़ाकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, तज़ाकिस्तान, उज्बेकिस्तान, भारत और पाकिस्तान) हो गई है । वही अफगानिस्तान, ईरान, बेलारुस और मंगोलिया SCO के पर्यवेक्षक देशो ( Observer Countries) में शामिल हैं। और कंबोडिया, नेपाल, अजरबैजान , आरमेनिया, तुर्की और श्रीलंका इस संगठन के वार्ता साझेदार देश ( Dialogue Partner Countries) हैं।
SCO की विशेषताएँ क्या हैं?
SCO एक स्थाई अंतर-सरकारी अंतर्राष्ट्रीय संगठन है। इस संगठन को उत्तर अटलाटिक संधी संगठन ( NATO) के समकक्ष के रूप में माना जाता है। SCO में वैश्विक जनसंख्या का 40 प्रतिशत , वैश्विक GDP का करीब 20 प्रतिशत और विश्व के कुल भू-भाग का 22 प्रतिशत शामिल है। अपने भौगोलिक महत्व के चलते यह संगठन एशियाई क्षेत्र में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अपनी इसी विशेषता की वजह से SCO मध्य एशिया को नियंत्रित करने और क्षेत्र में अमेरिकी प्रभाव को कम करने में सक्षम है।
SCO के उद्देश्य या लक्ष्य क्या हैं?
- सदस्य देशो के बिच आपसी विश्वास और अच्छे पड़ोसी सम्बन्धो को मजबूत बनाना।
- सदस्य देशो के बिच राजनितिक, व्यापार, विज्ञान, और तकनिकी , संस्कृति, ऊर्जा, शिक्षा, यातायात, पर्यटन, पर्यावरण संरक्षण और अन्य क्षेत्रो में सहयोग को बढ़ावा देना।
- मध्य एशिया में शांति स्थिराता और सुरक्षा को बनाये रखने और सुनिश्चित करने के लिए संयुक्त प्रयास करना।
- एक नई लोकातांत्रिक , न्याय संगत और विवेकपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय राजनितिक और आर्थिक व्यवस्था की स्थापना की तरफ बढ़ना।
SCO मुख्य रूप से 4 संस्थाओ के जरिये कार्य करता है -
शीर्ष स्तर पर- सदस्य देशो के राष्ट्रप्रमुखो की परिषद है, जो इसकी सबसे उच्च नीति निर्माता संस्था है । हर साल संपन्न होने वाले इसके सम्मेलनो को ही शिखर सम्मेलन कहा जाता है ।
दूसरे स्तर पर- सदस्य देशो के शाशनाध्यक्षो की परिषद है, जिसकी बैठक वार्षिक आधार पर की जाती है । यह परिषद बहुपक्षिय सहयोग के मुद्दों पर चर्चा करती है और संगठन का बजट. पारित करती है ।
तीसरे स्तर पर- सदस्य देशो के विदेश मंत्रियो की परिषद है, जिनकी नियमित बैठक होती है । यह परिषद समकालीन अंतर्राष्ट्रीय स्थिति की समीक्षा करती है और अन्य वैश्विक संगठनों के साथ सहयोग पर विचार करती है ।
चौथे स्तर पर- राष्ट्रीय समन्वयकर्ताओ की परिषद है, जिनका मुख्य दायित्व सदस्य देशो के बिच बहुपक्षीय सहयोग के कार्यक्रमों में समन्वय बनाना है ।
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