अम्बेडकर जी का जीवन परिचय-
जन्म- 14 अप्रेल 1891,मध्य प्रदेश
बचपन का नाम- भिवा,भीम,भीमराव
अन्य नाम- बाबासाहेब,भीमराव अम्बेडकर
धर्म- बौद्ध धर्म
पत्नी- रामाबाई अम्बेडकर(विवाह1906), सबिता अम्बेडकर (विवाह1948)
बच्चे - यशवंत अम्बेडकर
पिता- रामजी
माता- भीमाबाई
इनका परिवार कबीर पंथ को माननेवाला मराठी मूल का था और वे वर्त्तमान महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले में आँम्बडवे गांव के निवासी थे।
आम्बेडकर हिंदू महार जाती से सम्बन्ध रखते थे,जो उस समय अछूत मानी जाती थी।इसी वजह से उनको काफी भेदभाव का सामना करना पड़ता था।
भीमराव आम्बेडकर के पिता रामजी सकपाल ,भारतीय सेना की महू छावनी मे सेवारत थे तथा यहाँ कम करतें हुए सूबेदार के पद तक पहुंचे थे।
अपनी जाती के करण भीमराव को सामाजिक भेदभाव का सामना करना पड़ता था।पढ़ाई में निपूर्ण होने के बाद भी छात्र भीमराव को छुवाछूत के कारण अनेक प्रकार की कठिनाईयों का सामना करना पड़ा।
अम्बेडकर जी की प्रारंभिक शिक्षा कहाँ हुई?
7 नवम्बर 1900 को आम्बेडकर के पिता ने सतारा की गवर्नमेंट हाईस्कूल में अपने बेटे भीमराव का दाखिला कराया। यहाँ उनका नाम भिवा रामजीआम्बेडवेकर दर्ज कराया । उनके बचपन का नाम भिवा था।
आम्बेडकर का मूल उपनाम सकपाल की बजाय आंबडवेकर लिखवाया था,जो कि उनके आंबड़वे गाँव से सम्बंधित था।बाद में एक देवरुखे ब्राह्मण शिक्षक कृष्णा केशव आम्बेडकर जो उनसे विशेष स्नेह करतें थे ,ने उनके नाम से "आंम्बडवेकर" हटाकर अपना सरल ' आम्बेडकर ' उपनाम जोड़ दिया।तब से आजतक वे आम्बेडकर नाम से जाने जाते हैं।
1907 में उन्होंने अपनी मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण की और अगले वर्ष उन्होंने एल्फीन्सटन कॉलेज में प्रवेश किया ,जो बॉम्बे विश्वविद्यालय से संबद्ध था। शिक्षा के इस स्तर पर पहुँचने वाले अपने समुदाय के वे पहले व्यक्ति थे।
1912 तक उन्होंने बॉम्बे विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र और राजनितिक विज्ञान में कला स्नातक(B A) की शिक्षा पुरी की।
कोलंबिया विश्वविद्यालय में स्नात्तकोत्तर अध्यन-
1913 में, आम्बेडकर 22 वर्ष की आयु में संयुक्त राज्य अमेरिका चले गये ,जहाँ उन्हे सयाजीराव गायकवाड़ द्वारा स्थापित एक योजना के अंतर्गत न्यूयॉर्क स्थित कोलंबिया विश्वविद्यालय में स्नातकोत्तर की शिक्षा के अवसर प्रदान करने के लिए तीन वर्ष के लिए 11.50 डॉलर प्रति माह बडौ़दा राज्य की छात्रवृत्ति प्रदान की गयी थी।
1915 में उन्होंने अपनी कला स्नातकोत्तर(M A) परीक्षा पास की,जिसमे अर्थशास्त्र प्रमुख विषय था।उन्होंने स्नातकोत्तर के लिए प्राचीन भारतीय वाणिज्य(Ancient Indian Commerce) विषय पर शोध किया ।
लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में पढ़े-
1916 में ,उन्हे दूसरा शोध. कार्य ,भारत का लाभांश- एक ऐतिहासिक और विश्लेषणात्मक अध्ययन के लिए दूसरी कला स्नातकोत्तर प्रदान की गयी । इसके बाद वे लंदन चले गये ।यहाँ उन्होंने अपने तीसरे शोध कार्य ब्रिटिश भारत में प्रांतीय वित्त का विकास(Evolution of Provincial Finance in British India) के लिए अर्थशास्त्र में पीएचडी प्राप्त की।
उसके बाद उन्होंने ग्रेज इन में बैरिस्टर कोर्स के लिए प्रवेश लिया,और साथ में लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में भी प्रवेश लिया जहाँ उन्होंने अर्थशास्त्र की डॉक्टरेट (Doctorate) थिसिस पर काम किया। 1917 में उन्हे अपना अध्ययन अस्थायी रूप से छोड़कर भारत आना पड़ा क्यूंकि बडौ़दा राज्य से उनकी छात्रवृति समाप्त हो गयी थी।चार साल बाद फिर से उन्हे लन्दन जाने की अनुमति मिली।1921 में उन्होंने विज्ञान स्नात्तकोत्तर (M Sc) प्राप्त की । 1922 में , उन्हे ग्रेज इन ने बैरिस्टर- एट - लॉज डिग्री प्रदान की और उन्हे ब्रिटिश बार में बैरिस्टर के रूप में प्रवेश मिल गया।
1923 में, उन्होंने अर्थशास्त्र में डॉक्टर ऑफ साइंस ( D Sc) की उपाधि ली। उनकी तीसरी डॉक्टरेट (LL D) ,कोलंबिया विश्वविद्यालय,1952 तथा चौथी डॉक्टरेट (D Lit) , उस्मानिया विश्वविद्यालय,1953 ,सम्मानित उपलब्धियां थी।
छुआछूत के विरुद्ध संघर्ष -
भीमराव अम्बेडकर बचपन से ही छुआछूत जैसी पीड़ा को झेलते आए थे। अपनी जाती के वजह से उनसे काफी भेदभाव किया जाता था,और इसी वजह से उनको कई बार अपमान का सामना करना पड़ता था।
अम्बेडकर जी ने छुआछूत के विरुद्ध काफी संघर्ष किया ताकि वे निम्न जाती वाले लोगो को छुआछूत जैसी पीड़ा से निजात दिला सके और उन्हे समाज में बराबर का दर्जा दिलाना चाहते थे।
मुंबई में 1920 के दशक में अम्बेडकर जी ने अपने एक भाषण में कहा था कि "जहाँ मेरे व्यक्तिगत हित और देश हित में टकराव होगा वहां पर मै देश हित को प्राथमिकता दूंगा लेकिन जहाँ दलित जातियों के हित और देश के हित में टकराव होगा वहां मै दलित जातियों को प्राथमिकता दूंगा।"
वे निम्न जातियों के लिए मसीहा के रूप में काम किया और अपने और अपने पूरे जीवन में दलितों को सम्मान दिलाने के लिए संघर्ष करतें रहे।
भीमराव अम्बेडकर जी का निधन कब हुआ?
भीमराव अम्बेडकर जी मधुमेह से पीड़ित थे और वे काफी बीमार भी रह रहे थे। 3 दिसंबर 1956 को भीमराव जी ने अपनी अंतिम पांडुलीपी बुद्ध और उनके धम्म को पुरा किया और 6 दिसंबर 1956 को दिल्ली में स्थित अपने घर में अंतिम सांस ली।
बाबासाहेब अम्बेडकर के बारे में रोचक तथ्य-
- भारत के के झंडे में अशोक चक्र लगवाने वाले बाबासाहेब ही थे।
- अम्बेडकर जी लगभग 9 भाषाएँ जानते थे।
- अम्बेडकर जी ने सभी धर्मो को पढ़ा था।
- अम्बेडकर जी पहले व्यक्ति थे जो विदेश से अर्थशास्त्र में PhD किये।
- अम्बेडकर जी के पास लगभग 32 डिग्रीयाँ थी।
- बाबासाहेब आज़ाद भारत के पहले कानून मंत्री थे।
- बाबासाहेब दो बार लोकसभा चुनाव लड़े लेकिन दोनो बार हार गये।
- बाबासाहेब हिंदू महार जाति के थे, जिन्हे समाज अछूत मानता था।
- बाबासाहेब कश्मीर में लगी धारा 370 के खिलाफ थे।
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