हिंडनबर्ग अमेरिका की एक वितिय शोध कम्पनी है।इस कम्पनी को 2017 में नाथन एंडरसन ने स्थापित किया गया था और यह कम्पनी न्यूयार्क शहर में स्थित है ।
रिसर्च फर्म का फोकस एक्टिविस्ट शॉर्ट सेलिंग पर है।
हिंडनबर्ग रिसर्च क्या करता है?
फर्म अपने वेबसाइट पर कार्पोरेट धोखाधड़ी और वित्तीय दुर्भाव के बारे मे सर्वजनिक लेख प्रकाशित करती है ।
इसका कहना है कि फर्म फोरेंसिक वित्तीय अनुसन्धान मे माहिर है ।यह कंपनी अपनी website पर कहती है कि इसे निवेश प्रबंधन उद्योग मे दशकों का अनुभव है ।
कम्पनी का कहना है कि,उसका मानना है कि असमान्य श्रोतो से मुश्किल से खोजने वाली जानकारी उजागर करने से सबसे प्रभावशाली शोध परिणाम और यह विशेष रूप से लेखांकन अनियमिताओ के लिये दिखता है ।
कौन है नाथन एंडरसन?
38 वर्षीय नाथन एंडरसन ने कनेक्टिकट विश्वाविद्यालय मे अंतरराष्ट्रीय व्यापार प्रबंधन का अध्यन किया है ।वे पहले एरुशलम मे रहते थे ।शुरुआत मे वे वहां अपनी स्वेक्षा से एम्बुलेंस सेवा मे काम किये उसके बाद फेक्ट्सेट नामक एक वित्तीय सॉफ्टवेयर कम्पनी के साथ परामर्श कार्य किया और फिर जून 2021 मे फिनेन्सियल टाइम्स मे प्रकाशित व्यक्ति के प्रोफाइल के अनुसार वाशिंगटन डी सी और न्यूयार्क मे ब्रोकर डीलर फर्म मे काम किया ।
फिनेन्सियल टाइम्स मे कहा गया है कि hindanburg की स्थापना करने से पहले Anderson ने हैरी मार्कोपोलोस के साथ काम किया ,जिसने प्लेटिनम पार्टनर्स की जाँच के लिये बर्नी मेडौफ की पोंजी योजना कों हरी झंडी दिखाई थी ।एक हेज फंड जिसपर अंततः $1 बिलियन की धोखा धड़ी का आरोप लगाया गया था ।
हिंडनबर्ग रिसर्च ने किन कंपनियों के बारे में रिसर्च किया है?
हिंडनबर्ग रिसर्च ने सितम्बर 2020 मे electric truck निर्माता कम्पनी निकोला के खिलाफ अपने रिसर्च के लिये सबसे अच्छी तरह से जानी जाता है, ज़ब उसने कम्पनी के संस्थापक और पूर्व अध्यक्ष ट्रेवर मिल्टन पर अपनी हाइड्रोजन संचालित ट्रक तकनीक के बारे मे निवेशकों कों धोखा देने का आरोप लगाया था ।Anderson ने एक video कों चुनौती दी जिसमे निकोला ने अपने electric truck कों तेज गति से दौड़ते हुए दिखाया था ।ज़ब वास्तव मे वाहन कों बस एक पहाड़ी से निचे लुड़का दिया गया था ।
दस महीने बाद मिल्टन कों न्यूयार्क के संघीय अभियोजको द्वारा प्रतिभूति ,धोखा धड़ी के चार मामलो मे अभियोग लगाया गया था ।
तब निकोला का स्टॉक 94% तक गीर गया ।
Anderson का एक अन्य टारगेट अमेरिकी इलेक्ट्रिक कार निर्माता कम्पनी लॉर्डस्टॉन मोटर्स था ।जिसपर उसने 2021 की एक रेपोर्ट मे आदेशों कों बढ़ाने और इसके उत्पादन कार्यक्रम कों सफ़ेद करने का आरोप लगाया था ।
इसका नाम हिंडनबर्ग क्यों है?
इस research फर्म का नाम हिंडनबर्ग जर्मन हवाई पोत से लिया गया है जो 1937 मे न्यू जर्सी मे विस्फोट हुआ था ,जिसमे 36 यात्री मारे गये थे ।
कम्पनी कि website कहती है " हम हिंडनबर्ग कों एक मानव निर्मित ,पुरी तरह से रोकी जा सकने वाली अपादा के प्रतिक के रूप मे देखती है
अडानी समूह पर क्या आरोप है?
हिंडनबर्ग का दावा है कि अडानी समूह मे बेशर्म स्टॉक हेरफेर और वित्तीय धोखा धड़ी के सबूत मिले हैं।
अडानी समूह ऊर्जा से लेकर कुछ बुनियादी विकास के क्षेत्र मे अपनी काफी पकड़ बना चुका है ।इसके अलवा अडानी समूह देश का सबसे बड़ा पोर्ट संचालक भी है और देश के कुछ बड़े एयरपोर्ट्स का भी संचालन इसके द्वारा होता है ।हाल ही के सालो मे अडानी के शेयरों मे 85% तक उछाल देखने कों मिला है ।
जनवरी मे हिंडनबर्ग के संस्थापक और अध्यक्ष Nothan Anderson ने 100 पेजो की एक रिपोर्ट जारी की जिसमे अडानी पर राजस्व और स्टॉक की कीमतों कों बढ़ाने के लिये मोरीशस और बहामास जैसे टैक्स हेवन मे कम्पनियो के जाल का उपयोग करने का आरोप लगाया है ।रिपोर्ट मे ये भी कहा गया है कि समूह मे उच्च पदो पर घर के सदस्यों कों स्थापित किया गया है और ऋण का प्रबंधन करने के लिये कम्पनी के balance sheet कों गलत तरीके से दिखाया गया है ।
आपको बता दे कि हिंडनबर्ग कि रिपोर्ट के बाद अडानी समूह की सभी कम्पनियो के शेयर्स मे काफी गिरावट आयी है और अडानी समूह के प्रमुख गौतम अडानी की सम्पति लगभग $100 बिलियन गिर गयी है और अभी शेयरों मे गिरावट जारी है और जो अडानी दुनिया मे अमीरों के लिस्ट मे दूसरे पायदान पर पहुंच गये थे अब वे टॉप 10 रिचेस्ट की लस्ट से भी निचे चले गये हैं।
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